हर किसी के जीवन का उद्देश
अलग अलग होता है। जीवन की चाहत अलग होती है मगर हर किसी के जीवन का उद्देश
पूरा नहीं हो पाता है इसे एक कहानी से समझते हैं क्यों इच्छा, चाहत या उद्देश
पूरा नहीं हो पाता है? एक दिन एक युवक सुकरात के
पास आया और बोला मेरे जीवन की इच्छा कैसे पूरी हो सकती है? उन्होंने उसे अगले दिन
सुबह आने को कहा । अगले दिन निवेदक सुबह में आया तो सुकरात उसे नदी के तरफ ले गए और दोनों नदी में के बीच में पहुंचे तो सुकरात ने उसी
वक्त युवक का सिर पकड़कर नदी में डूबा
दिया वह युवक वह छटपटाया मगर सुकरात ने उसे नहीं छोड़ा कुछ देर बाद
में युवक को पानी से बाहर निकाला और पूछा पानी के अंदर जब
तुम थे तो सबसे ज्यादा इच्छा क्या पाने की
थी? वह युवक बोला हवा तो सुकरात ने कहा जब कोई
इच्छा इतनी बलवती हो कि उसके सिवा दुनिया के किसी चीज की जरूरत महसूस ना हो ,किसी भी तरफ ध्यान ना जाए ।
उसको पाना ही सबकुछ बन जाए तो समझो इच्छा पूरी हो जाएगी। यही मंत्र है इच्छा या चाहत पूरी करने की और यही सत्य रास्ता भी है । तो आपके जीवन का उद्देश्य ऐसा होना चाहिए कि उसके बिना आप जी ना सके । उसके सिवा कुछ नहीं तो आपके जीवन का उद्देश्य पूरा होने से कोई नहीं
रोक सकता है ।
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